जब गाय वाली कहानी मोदी ने सुनाई और रोने लगे
एक बालक की मृत्यु की पश्चाताप में गाय ने दुख में अपना शरीर छोड़ दिया, लेकिन आज कल गाय के नाम पर ही किसी की हत्या की जा रही है।
एक बालक की मृत्यु की पश्चाताप में गाय ने दुख में अपना शरीर छोड़ दिया, लेकिन आज कल गाय के नाम पर ही किसी की हत्या की जा रही है।
अहमदाबाद के साबरमति आश्रम में मोदी ने गोरक्षकों को हर भाषा में समझाया। पहले कड़ी और सीधी बात की और फिर थोड़े भावुक भी हुए । इसके बाद मोदी ने अपने बचपन का एक किस्सा सुनाया। मोदी ने कहा, पहले वो किताब लिखना चाहते थे, अगर किताब लिखते तो ये किस्सा उसमें लिखते, लेकिन अब किताब लिखने का वक्त नहीं। इसलिए साबरमति आश्रम में उन्होंने अपने दिल की बात की और बचपन की कहानी सुनाई।
उन्होंने बताया, मेरे गांव में एक परिवार था..उनके यहां संतान नहीं थी…बहुत साल बात एक बेटे का जन्म हुआ…गांव में हर रोज़ एक गाय दरवाजे पर आती थी और सभी लोग उसे रोटी खिलाते थे…एक दिन गाय दौड़ने लगी..छोटा बच्चा गाय के पैर के नीचे आ गया और उसकी मृत्यु हो गई..जिस घर में सालों बाद एक संतान आया था, वो संतान चला गया। अगले दिन गाय फिर आई और सीधे उस घर के सामने खड़ी हो गई । कोई भी रोटी खिलाता था गाय नहीं खाती थी.. उस परिवार से भी रोटी नहीं खाई..कई दिनों तक कुछ नहीं खाया…गाय ने दुख में अपना शरीर छोड़ दिया..गाय को बलिदान देते हुए मैंने बचपन में देखा है…जब गाय ऐसी होती है तो उसके नाम पर कोई हत्या कैसे कर सकता है।